अगर आपने श्रवण यंत्र यानी Hearing Aid खरीदने का फैसला किया है तो यहां तक का निर्णय लेने के लिए आपने अवश्य ही पहले दो पड़ाव पार कर लिए हैं पहला यह स्वीकार करना कि साफ सुनने में आपको परेशानी है | दूसरा की Hearing Aid पहनने से जो social stigma पाया जाता है उसे आपने Accept किया है जो खुद में बहुत बड़ा निर्णय है |
सबसे पहले जब आपको यह महसूस होता है कि सुनने में परेशानी हो रही है या बोला कुछ जा रहा है और सुनाई कुछ और दे रहा है या कुछ शब्द या धवनियाँ आप miss कर रहे है तो आपकी जरूरत या निर्भरता Hearing Aid पर है |
अब आप सबसे पहले google करते है जहाँ आपको विभिन्न sites जैसे earKART आदि पर सहायता मिलती है जो आपको विभिन्न प्रकार की Hearing aids की जानकारी देता है या फिर आप अपने नजदीकी Dealer से संपर्क करते है | सभी प्रकार की Hearing loss संबंधी समस्याओं के लिए audiologist द्वारा जाँच (test) होना बहुत आवश्यक है | कुछ कम्पनियाँ ये test online भी कर देती हैं | Hearing test की report के अनुसार ही आप सही निर्णय ले पाएंगे की आपके लिए कौन सी Hearing aid उपयुक्त रहेगी |
मुख्यता 4 प्रकार की hearing aid उपलब्ध है जिनका कार्य लगभग समान है पर उनमें कार्यप्रणाली एवं (advance features) मुख्य विशताएँ विभिन्न होती हैं | यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है कि आपको Hearing loss, lifestyle एवं आर्थिक सक्षमता के अनुसार आपको Hearing aid का चयन करना चाहिए |
निम्नः प्रकार की hearing aid है जिनको आप उनकी विशेताओं (functions) हिसाब से समझ सकते हैं |
-
BTE (Behind The Ear) – ये कान के पीछे लगाया जाता है और बहुत अधिक प्राथमिकता से पसंद की जाती है |
-
ITC (In The Canal) – ये वजन में काफी हल्की होती है और auditory canal में fix होती है |
-
ITE ( In The Ear) – ये ITC से थोड़ी बड़ी होती है और कान के अंदर बिठाई जाती है| यह बाहर से दिखाई देती है जैसे आपने Ear plugs लगाए हों |
-
RIC ( Receiver In The Canal) -- ये काफी आधुनिक features में आती है | इसका receiver auditory canal में लगता है और hearing aid कान के पीछे रहता है |
Hearing aids अपने functions के अलावा भी दो प्रकार की होती हैं |
-
जिनमें Battery लगती है जिसे आप निर्धारित समय पर बदलते है |
-
जो rechargeable होती है और इन्हें mobile फोन की तरह charger से recharge करना पड़ता है |
Hearing aids खरीदते समय बहुत आवश्यक है कि आप अपने hearing loss एवं lifestyle के हिसाब से चयन करें एवं trial लें | आपके कान के नाप के हिसाब से hearing aid अच्छी प्रकार से fit होनी चाहिए |
अगर आपके कान की canal उपयुक्त नाप की है तो आप hearing aid customized भी करा सकते हैं | Hearing aid हमेशा reputed या जानी मानी company/brand की लेने की कोशिश करनी चाहिए|
Hearing aid लगाने पर एक सीटी बजने की आवाज आती है जिसे feedback कहते है | इस आवाज को नहीं के बराबर या बिल्कुल नहीं आना चाहिए | इसलिए विभिन्न प्रकार की Hearing Aid लगा कर आराम से Trial लेना चाहिए और audiologist द्वारा पूछे गए सवालों का उत्तर देना चाहिए |
जिस center या clinic से आप hearing aid खरीद रहे है उन्हीं के audiologist से Trial लेना चाहिए और भली प्रकार से सभी जानकारी लेनी चाहिए | Hearing aid के सभी (features) विषेशताएँ जैसे Bluetooth connect करना ,power button, volume control एवं अन्य settings ठीक प्रकार से समझनी चाहिए | अपनी hearing aid पर warranty जरूर लें |
कुछ विशेष बातों का ध्यान रखें | Hearing aid हर समय साफ रखें और ध्यान दें कि कान में Earwax न हों | Ear wax जमा होने से भी hearing aid से ध्वनि सुनाई देने में फर्क आता है | अगर Battery वाली hearing aid है तो low battery signal आते ही नई battery डालें | आप के चयन के अनुसार battery एक या दो हफ्ते में बदलनी पड़ सकती है | Hearing aid लगाने के बाद अक्सर पाया गया है Programming की आवश्यकता आ जाती है, इसके लिए अपने audiologist से संपर्क करें | कभी कभी-कभी hearing aid adjust होने में 2-3 हफ्ते लग जाते है और कभी-कभी ये समय 2 महीने भी हो सकता है | इस्तेमाल करते करते आप अभ्यस्त हो जाते है |